हम्पी मंदिर दक्षिण भारत के कर्नाटक नामक राज्य का एक छोटा सा शहर है जो देश भर में अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार हम्पी मंदिर पूर्ण रूप से भगवान विष्णु एवं अन्य हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित है। यह भारत के जाने-माने मंदिरों में से एक है जिसे बेहद बारीकी एवं सुंदरता के साथ बनाया गया है। हम्पी मंदिरों को देखने के लिए प्रतिदिन देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।
हम्पी मंदिर का इतिहास – History of Hampi Temple
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हम्पी मंदिर का निर्माण 14वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य हरिहर एवं बुक्का के द्वारा करवाया गया था। यह क्षेत्र तुंगभद्र नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि विजयनगर साम्राज्य के शासकों द्वारा हम्पी मंदिरों की संरचना करवाई गई थी। यह मंदिर देखने में बेहद आकर्षक एवं सुंदर लगते हैं क्योंकि इन्हें बनाने के लिए विशेष प्रकार की सामग्रियों एवं सुंदर वास्तुकला का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा इन मंदिरों की दीवारों पर सुंदर आकृतियां भी बनाई गई हैं जो भारतीय संस्कृति की सुंदर वास्तुकला का प्रतीक मानी जाती हैं। इसकी सुंदरता को देखते हुए यूनेस्को ने वर्ष 1986 में इस क्षेत्र को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया था। यह भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थलों में से एक है।
हम्पी मंदिर के कुछ रोचक तथ्य – Some Interesting Facts About Hampi Temple
हम्पी मंदिर के रोचक तथ्य कुछ इस प्रकार हैं:-
- हम्पी मंदिर भारत की प्रसिद्ध धरोहरों में से एक है जिसके कारण इसकी तस्वीर को भारतीय रिजर्व बैंक ने ₹50 के नए नोट पर छापा है।
- प्राचीन काल में हम्पी नामक क्षेत्र को विजयनगर साम्राज्य के नाम से जाना जाता था जो लगभग 4000 हैकटेयर में फैला हुआ एक सुंदर परिसर है। इसमें हिंदू धर्म से संबंधित विभिन्न मंदिरों का निर्माण कराया गया है।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हम्पी क्षेत्र का नाम माँ पार्वती के दूसरे नाम पर रखा गया था। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान बेहद पवित्र माना गया है।
- हम्पी के मंदिरों में एक विजय विट्ठल नामक विशेष प्रकार का मंदिर है जिसमें एक संगीतमय खंभा मौजूद है। इस खंभे की विशेषता यह है कि इस खंभे को छूने मात्र से ही इसमें एक प्राकृतिक संगीत की धीमी स्वर सुनाई देती है। इस स्तंभ को ‘सारेगामा’ स्तंभ के नाम से भी जाना जाता है।
- कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में हम्पी क्षेत्र में कुछ आक्रमणकारियों ने हमला कर दिया था और यहां मौजूद महल को धवस्त करके मंदिरों की अनमोल मूर्तियां भी चुरा कर ले गए थे जिसके कारण वर्तमान समय में इन मंदिरों के अंदर मूर्तियां मौजूद नहीं है।
- हम्पी भारत के ऐतिहासिक शहरों में से एक है जिसे पौराणिक काल से ही बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि इस स्थान का संबंध महाकाव्य रामायण के काल से है।
- हम्पी क्षेत्र तुंगभद्रा नमक नदी के तट पर मौजूद है जो एक पथरीले ग्रेनाइट के पहाड़ों से गिरा हुआ क्षेत्र है। यह क्षेत्र एवं इसमें मौजूद मंदिर देखने में बेहद आकर्षक लगते हैं क्योंकि यह भव्य परिसर बेहद विशाल और भव्य है।
- हम्पी के मंदिरों में विजयनगर साम्राज्य की कलात्मक शैली का प्रयोग किया गया है। इन मंदिरों की दीवारों एवं खम्भों पर सुंदर कलाकृतियों की गई है जिसमें मुख्य रूप से हिंदू देवी-देवताओं के चित्रों को अंकित किया गया है।
- कुछ इतिहासकारों के अनुसार हम्पी नामक स्थान भारत के सबसे प्राचीनतम स्थान में से एक है जहां 14वीं से 15वीं शताब्दी के मध्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी किया जाता था। कहा जाता है कि यहां मुख्य रूप से कीमती पत्थरों, मूर्तियों, कपड़ों आदि का व्यापार किया जाता था।
- हम्पी के अधिकांश मंदिर भारत के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक हैं जिनमें बेहद सुंदर वास्तुकला एवं चित्रकलाओं का प्रयोग किया गया है। कहा जाता है कि यह भारत का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पर ऐतिहासिक रूप से सक्रिय मंदिरों को देखा जा सकता है।
हम्पी मंदिर: भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थलों में से एक – Hampi Temple: One of the Best Tourist Places in India
हम्पी भारत के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक है जो भारतीय पर्यटन स्थल का एकमात्र ऐसा स्थान है जो विश्व के सबसे प्रसिद्ध 52 पर्यटन स्थलों में दूसरे स्थान पर आता है। इस शहर का इतिहास बेहद रोचक है जिसे प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। हम्पी में विभिन्न मंदिर मौजूद है जिसके कारण इस स्थान को मंदिरों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थान की देखरेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा की जाती है जो यहां मौजूद प्राचीन मंदिरों, स्मारकों एवं पुराने किलों का रखरखाव करते हैं।
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